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कदम - शांतनु
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न रह पाओ मेरे बिन,
तो यादों के सहारे रह लेना ,
हुई अगर हो मुझसे कुछ खता
तो अकेले में तुम कह लेना
वादा करो मुझसे ,
आँसू न बहाओगे तुम,
दर्द चाहे जितना भी हो,
हर पल मुस्कुराओगे तुम
भुलाना तो मुश्किल है,
पर याद कर के हिचकियाँ न देना,
रात के अँधेरे में,
दबे होठों से मेरा नाम न लेना|
जो तोहफे दिए थे मैंने,
उन्हें भी खुद से दूर कर देना,
भूल पाऊँ मैं भी तुमको,
मुझको इतना मजबूर कर देना |
साथ हमारा शायद मुमकिन नहीं था,
इसलिए दूर जा रहा हूँ|
न तुमको सताए ये दुनिया,
इसलिए मैं ये कदम उठा रहा हूँ ..
~~ शांतनु ~~
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2 Comments
very touching lines....thanks for sharing..
ReplyDeletebeautiful lines....congrats for your 1st published poem here..:)..keep writing.
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