Tere Bina Main tanha - Gaurav Mani Khanal


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तेरे बिन मे तनहा..
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           फिर आई रात तनहा,
           जगमगाते तारे अनेक पर शांत चद्रमा तनहा,
           और उस दुध्लाती रौशनी मे,
           तनहा चाँद तो निहारता मेरा मन तनहा,

           तरो की टीम टीम की बीच,
           भुझा भुझा मेरा दिल तनहा,
           और इस जगमगाती महफ़िल मे,
           तेरे हाथो का साथ खोजते मेरे हाथ तनहा,

           ठंडी मधुर पुर्वा के साथ आई तेरी खुशबू,
           तेरे ही ख्यालो मे डूबे मन को कर गयी तनहा,
           और इस मनोरम बेला मे,
           तेरा साथ खोजती मेरे दिल की धड़कन तनहा,

           यु तो है सब संगी साथी मेरे साथ,
           पर जैसे एक राधा के बिन गोपियों के बीच श्याम तनहा,
           एसे ही  तेरा ना होना प्राण प्रिये ,
           कर देता है मुझको तनहा,

           लौट आओ प्रियतम जल्दी,
           तुम बिन हो गए है मेरे सपने भी तनहा,
           नैनो मे तुम्हारी चाहत इस कदर बसी है,
           दिन हो या रैन केवल तुम्हारी रहा तकते है ये तनहा...

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~~गौरव मणि  खनाल~~

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