जब तलक
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जब तलक है धड़कन दिल में,
जब तलक है रूह जिस्म में,
जब तलक मुखातिब है मेरी नजर नजारों से,
जब तलक है सूरज की रौशनी चाँद की चांदनी,
जब तलक है जहाँ में हवा और पानी,
जब तलक तेरी सीरत है पाक और तुझे है मेरी याद,
तब तलक मेरी मुहब्बत,
मेरे सीने में है तेरे लिए
चाहत इज्ज़त और मुहब्बत बस तब तलक.
अवनीश गहोई
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1 Comments
Nice one...
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