Aaj Ke Daanav - Vikas Chandra Pandey

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 आज के दानव - विकास चन्द्र पाण्डेय   
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हमने सोचा हम मानव हैं, दानव सभी दिए हैं मार!
कभी न सोचा था, फिर होंगे कलउगी दानव से दो-चार!!

भ्रस्टाचार, दहेज, आतंकवाद, ग़रीबी, होंगे नये दानव प्रहार !
इनकी ताक़त हैं हम लोग, कौन इन्हे मारेगा आज!!

सोच रहे हैं सभी, फिर होगा राम-कृष्ण, गाँधी अवतार,
हम क्यों इतना सोचे जब, फिर आएगा तारनहार!

लेना-देना रीत आज की, इसको मत लो दिल पर आज,
भूख और बमो से मरना, अब तो छोटी- मोटी बात!

संस्कार की बात न करना, बची नही अब कोई बात ,
दौड़ रहें हैं सभी यहाँ, मद-माया के पीछे आज!

इक तिलिस्म मे फसे सभी हैं, सब को बस अपनी दरकार,
जब कुछ होगा उल्टा-सीधा, कोसेंगे अपनी सरकार!

~~ विकास चन्द्र पाण्डेय ~~

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