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माँ - अंकिता जैन
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उसकी हर धड़कन में होता है सिर्फ तुम्हारा नाम ,
शायद ही कोई लम्हा ना लिया हो तेरा नाम !
अपने आंसुओं को छुपाकर तुम्हारी खुशियों को महकाया है उसने ,
उसकी दुनिया में होते हैं सिर्फ तुम्हारी आँखों के सपने !
तुम्हारी हंसी की किलकारियां महकाती हैं उसका आँगन ,
तुम्हारी आँखों के आंसू भिगो देते हैं उसका मन !
वो तो होती है ममता की मूरत ,
जिसकी आँखों में होती है सिर्फ तुम्हारी सूरत !
तुम्हारी फर्मायिशों से बढ़कर ना समझा कभी कोई दूसरा काम ,
उसकी हर धड़कन में होता है सिर्फ तुम्हारा नाम !!
तुम्हारी गल्तियों पर वो नाराज़ भी होती है ,
पर तुम्हे रुलाकर चुपके से खुद भी रोती है !
जाते ही तुम्हारे नज़र उसकी द्वार पर होती है ,
और वापसी की खबर से उसकी खुशियाँ दुगनी होती हैं !
हर दुःख से परे होता है माँ का आँचल ,
तुम्हारी आँखों की चमक होती है उसकी आँखों का काजल !
तुम्हारी एक मुस्कराहट होती है उसका मुकाम ,
उसकी हर धड़कन में होता है सिर्फ तुम्हारा नाम !!
~~ अंकिता जैन ~~
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7 Comments
unconditional love,,,,,,,,
ReplyDeletereally it is..:)
ReplyDeletethoughts unpredicted... superb!
ReplyDeletewow...super like to dis poem...!!
ReplyDeletekeep on writing such poems :)
vikas @ thanks...:)
ReplyDeleteVishal @ thanks..:)
Having hostel life. really it is superb poem !
ReplyDeletethanks..:)
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