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गर्मी सर्दी बसंत बहार होली दिवाली सब त्योहार,
सुने तुम्हारे बिन ये सारे आज,
ये पंक्तिया समर्पित तुमको,
मेरे दोस्त मेरे यार,
ख़ुशी मै मेरे हँसते,
दर्द को मेरे बंटते,
मस्ती मे हर पल झूमते,
मेरे दोस्त मेरे यार,
चले संग हर रहा मे,
बने परेणा हर चाह मे,
मेरा हौसला मेरी ताकत बढ़ाते,
मेरे दोस्त मेरे यार,
मुस्कान बन गम को मेरे भगाते,
उम्मीद बन जीवन से लड़ना सिखाते,
हर मोड़ पर मेरे संगी मेरे साथी,
मेरे दोस्त मेरे यार,
जब कभी मन उदास हुआ,
कंधो पर हाथ उनका सदेव हुआ,
भरोसा करते भरपूर मुझपर,
मेरे दोस्त मेरे यार,
आये कई मुश्किल पल जीवन मे,
हुआ बेरंग मन कई बार जीवन मे,
इन्द्रधनुष बन बसंत लेकर हर बार आये जीवन मे,
मेरे दोस्त मेरे यार,
गुजरते वक़्त के साथ सब कुछ बदला,
हर एक रिश्ता हर एक नाता बदला,
नही बदला एक साथ,
मेरे दोस्त मेरे यार,
कितनी मीठी यादे है,
लड़ना झगड़ना रूठना मनाना हँसना रोना
और न जाने कितनी ही बाते है,
दुनिया का हर एक रंग जिनके पास,
मेरे दोस्त मेरे यार,
लड़ते थे संग होने पर,
रोते थे दूर जाने की बात पर,
कितना निर्मल कितना पावन नाता ये,
मेरे दोस्त मेरे यार,
ना होती जिंदगी इतनी सरल सरस इनके बिन,
कौन देता साथ कैसे बनती हर बिगड़ी बात,
मेरी हर बात को सच बनाने वाले,
मेरे दोस्त मेरे यार,
सोचता हु जब कभी बीती हुई बातो को,
हँसते हुए रो पड़ता हु मे रातो को,
कैसे हर आंसू को मेरे पोछ देते,
मेरे दोस्त मेरे यार,
नहीं चाह कभी मैंने दिल को तुम्हारे दुखाना,
लेकिन फिर भी अगर कभी
धोखे से दिल दुखाया हो तुम्हारा,
करना माफ़ समझ नादान,
मेरे दोस्त मेरे यार,
दूर हु तुमसे पर भुला नही एक भी बात,
यही मांगता हु रखना तुम भी सदा मुझे याद,
हँसना,रोना,रूठना,मानना,दर्द,दुआ,
सब मे तुमको ही खोजता दिल मेरा,
मेरे दोस्त मेरे यार...
~गौरव मणि खनाल~
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