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निगाहे - कुसुम
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जो हम नहीं कह सकते,
वो हमारी निगाहे कहती है ||
तुम्हे आपना बनाने को
ये हर पल तरसती है
तुम समझो या न समझो
हमे तुम से मोहोब्बत है
ये हम नहीं कहते
ये हमारी निगाहे कहती है |
दिया तुमने जो दोखा,
तो हम टूट जायेंगे,
जीयेंगे फिर भी हम
पर हम जी न पायेंगे
ये हम नहीं कहते
ये हमारी नेगाहे कहती है ||.
~~ कुसुम ~~
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1 Comments
bhut sunder hai....
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