Hum Teri Aulaad - Puneet Jain


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हम तेरी औलाद - पुनीत जैन
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 हम तेरी औलाद
करते है फ़रियाद
सब परिवार के साथ है 
हम क्यू है अनाथ?

कभी कुदरत ने तो कभी इंसाने ने 
हर और तबाही मचाई है 
कही पर भूकंप आया 
तो कही पर नदियों में बाद आई है 
किसी ने सम्प्रदैक उन्माद बढाया 
तो किसी ने बारूदी अन्ताख फैलाया |

धरती फटी घर टूटे अपनों से अपने छुते 
बचा न कोई साथ हम हो गये अनाथ
हम भी पढना कहते है 
डॉक्टर,वकील या इंजिनियर बनना चाहते  है
रोटी कपडे और छत की हमारी भी है इच्छा 
फिर क्यू लेते हो हमारी कठिन परीक्षा 

किसके आगे फैलाई हाथ किससे करे फ़रियाद 
किसको झुकाए माथा कौन है जो रखेगा सर पर हाथ
माँ की ममता बाबा का दुलार
भाई बहिन का प्यार पाने को हम है बेकरार |

भेड़ों की तरह है हमारा हाल 
सब करते है किनारा, नहीं देता कोई सहारा
मेले और फटे कपड़ो से ढकते है तन्न
सहते है गर्मी और ठिठुरन 
हम नहीं रह पाते कभी सुकून से
क्यू आज महंगा है पानी भी खून से 

सहकर सूरज की धुप और पेट की भूक
शारीर गया है सुख, मत करो दिल पर आघात
हम नहीं फौलाद हम तेरी औलाद
करते है फ़रियाद !!!

~~ पुनीत जैन ~~
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