Saavan Geet - Mamta Sharma

सावन
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लो सावन आया ,लो सावन आया

जो बारिश पड़ी झड़ी झड पड़ी ,
जो सिमटी पड़ी कली खिल पड़ी.
लो सावन आया हाँ सावन आया 


में सोई पड़ी जो उठ हुई खडी 
अचानक जोरों की बरखा पड़ी 
ये मन घबराया जी मन घबराया 
लो सावन आया हाँ सावन आया 

जो दृष्टि पड़ी कहीं पर खडी 
कोई चुलबुली सी डाली अड़ी
जो गीत सुनाया जी गीत सुनाया 
लो सावन आया हाँ सावन आया 

अचानक कहीं जो बिजली पड़ी 
कड़कती बड़ी ना रूकती झड़ी 
ये तेरी है माया जी तेरी है माया 
लो सावन आया हाँ सावन आया 

~~ ममता शर्मा ~~
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