Manali - Dharam Singh Thakur

________________________
मनाली 
________________________
 
तुँग-श्रृँग से घिरी
शस्य-श्यामला भरी,
दिव्य,अलौकि धाम यह
पावन’मनु’ की स्थली।

नैसर्गिक हिम श्रृंखलायें धवल
निस्तब्ध अंजुल सुर भू तल,
शिखरों पर हिम रूप निरन्तर
संचित विशाल जलधि जल।

मूल मनुष्य का जगती के
मनाली पौराणिक ऋषि संगम,
व्यास की गूँजे ऋगवेद वाणी
प्रथम विधि ज्ञान का उद्दगम।

विश्व पर्यटन व्योम में
यह चमचमाती चन्द्रिका,
मनु और व्यास की
विश्व कीर्ति पताका यहाँ।।

ऋगवेद दात्री तपोभूमि का
गौरव इतिहास दबा पड़ा,
विश्व गौरव का दिव्य ‌पुञ्ज
अपेक्षित मनु मन्दिर खड़ा।

मनु की मनाली में
‘मनालसु’ की धवल धारा,
इस धारा के तट से उपजा
मानवता का जग सारा।

मनमोहक उपयोगी प्राणाधार
तट पर सुन्दर वन-उपवन,
देव-मानव-दानव सबको
अर्पित करता तन-मन-धन।

~~ धरम सिंह ठाकुर ~~ 
________________________

Post a Comment

0 Comments