Meri Maa - Bhavana Tiwari

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 मेरी माँ
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अपने पल्लू में बाँध लीं तुमने,सारे घर की व्यथाएँ, मेरी माँ ,
चूल्हे चौके से घिरी,प्यार भरी,घर को घर सा बनाएँ, मेरी माँ ..!!

अंक में प्यार भरे ,
सोच को पंख दिए
पूजे बरगद तुलसी ,
हाथ में शंख लिए !
अपनी चोटi में गूँथ लीं तुमने,मेरे सर की बलाएँ ,मेरी माँ !!
अपने पल्लू में बाँध लीं तुमने,सारे घर की व्यथाएँ, मेरी माँ !!

तेरे वरदान फले ,
मुझको सम्मान मिले
चार धामों के सभी,
पुण्य चरणों में मिले !
मेरे जीवन में कड़ी धूप बढ़ी,अपना आशिष उढ़ाएँ,मेरी माँ !!
अपने पल्लू में बाँध लीं तुमने,सारे घर की व्यथाएँ, मेरी माँ !!

भोर की पहली किरण,
प्रार्थनाओं का चलन ,
सब दवाओं में दुआ
मंत्र पढ़ती है छुअन !
दर्द को दूर उड़ा ले के गईं ,बनके ठण्डी हवाएँ मेरी माँ !!
अपने पल्लू में बाँध लीं तुमने,सारे घर की व्यथाएँ, मेरी माँ !!


~~ भावना तिवारी ,कानपूर  ~~ 
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